छेड़खानी का विरोध करने पर महिला को आग के हवाला किया, हालत गंभीर

महिलाओं के प्रति अपराध की घटनाएं नहीं थम रही हैं। छेड़खानी का विरोध करने पर एक महिला को मिट्टी का तेल डालकर जला दिया गया। यह घटना सदर कोतवाली थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई। घटना 21 अक्टूबर की है,लेकिन पुलिस ने रविवार को इस मामले में मुकदमा दर्ज किया। महिला की हालत गंभीर बताई जा रही है और वह पीजीआइ लखनऊ में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है। पीड़िता के पिता की तहरीर पर आरोपित को पुलिस ने हिरासत में लिया है। तरकुलवा थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति ने अपनी बेटी की शादी सदर कोतवाली के एक गांव में की है। महिला के पिता का आरोप है कि उनकी शादीशुदा बेटी पर पड़ोस में रह रहा गौसुल नामक व्यक्ति गंदी नजर रखता है। बीते 21 अक्टूबर को वह बेटी के साथ छेड़खानी करने लगा। बेटी ने विरोध किया तो पास में रखा मिट्टी का तेल गिराकर उसके शरीर में आग लगा दीइस मामले में पुलिस ने पिता की तहरीर पर आरोपित के खिलाफ जलाने, छेड़खानी करने समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। सदर कोतवाल अरुण कुमार मौर्या ने कहा कि मामले की विवेचना की जा रही है।


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- इन लोगों के हौसलों से महामारी भी हारी डॉक्टरों ने कहा कि उपचार के दौरान मरीजों को स्वाइन फ्लू के लिए दी जाने वाली टेमी फ्लू दवा दी जा रही है और इसका असर भी हो रहा है। उपचार करने वाले एक डॉक्टर ने कहा कि कोरोना पीड़ित मरीजों का उनके लक्षणों के आधार पर उपचार किया जा रहा है।
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कांधला में साल में एक या दो बार आना जाना तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के पिता हारून थे और दादा मौलाना यूसुफ। कांधला में छोटी नहर के पास एक मकान मौलाना साद के परिचितों का है, जो बंद रहता है। वह मकान सिर्फ तभी खुलता है जब मौलाना साद साल में एक या दो बार यहां आते हैं। मौलाना साद की पढ़ाई दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र से ही हुई है। काफी समय तक वह सहारनपुर में भी रहे।
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का लगातार तीसरी बार कार्यभार संभालने के बाद केजरीवाल ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पहली बार मुलाकात की थी।
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मौलाना साद से जुड़े रहे हैं विवाद तब्लीगी जमात के प्रमुख बनने से लेकर उसके बाद तक मौलाना साद से विवाद जुड़े रहे हैं। आरोप है कि तब्लीगी जमात का प्रमुख बनने के लिए मौलाना साद ने जमात के अन्य लोगों की राय को नजरअंदाज किया और नई परंपराएं शुरू की। उनकी तकरीर पर भी विवाद हुआ था। तब दारुल उलूम देवबंद ने भी नाराजगी जताई थी। उसको लेकर विदेश से आए उलमा ने देवबंद पहुंचकर दारुल उलूम के मोहतमिम सहित अन्य पदाधिकारियों से मुलाकात कर विवाद का पटाक्षेप करने का प्रयास किया था। विवादों के चलते दारुल उलूम में तब्लीगी जमात के आने पर पाबंदी तक लगा दी गई थी।