नदी में मिला यवक का शव, हत्या का आशंका

करौंदी बाजार, देवरिया (संवाददाता)। सदर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम रमन छापर घाट के समीप सुबह एक युवक का शव पुलिस ने बरामद किया। एक दिन पूर्व युवक मछली मारने के लिए गया था। परिजनों ने कोतवाली पहुंच दो लोगों ने पिटाई करने तथा हत्या करने का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी है। तहरीर मिलने के बाद पुलिस छानबीन में जुट गई है। इस मामले में मुकदमे की कार्रवाई नहीं हो सकी थी। कोतवाली क्षेत्र के ग्राम उदयपुरा निवासी छोटू 30 पुत्र जोगिदर मुसहर सोमवार को मछली मारने के लिए गंडक नदी के रमन छापर में गए थे। इस बीच परिजनों को सूचना मिली कि छोटू गंडक नदी में डूब गया है। मंगलवार की सुबह शव नदी से बरामद हुआ। परिजनों का आरोप है कि दो लोगों ने छोटू की पिटाई की। साथ ही पानी में धक्का दे दिया। जिससे छोटू की मौत हुई है। पत्नी रिंकू देवी का रोते-रोते बुरा हाल हो गया है। छोटू को तीन बच्चे हैं। चौकी प्रभारी जितेंद्र तिवारी ने कहा कि तहरीर मिली है, कार्यवाही की जाएगी



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- इन लोगों के हौसलों से महामारी भी हारी डॉक्टरों ने कहा कि उपचार के दौरान मरीजों को स्वाइन फ्लू के लिए दी जाने वाली टेमी फ्लू दवा दी जा रही है और इसका असर भी हो रहा है। उपचार करने वाले एक डॉक्टर ने कहा कि कोरोना पीड़ित मरीजों का उनके लक्षणों के आधार पर उपचार किया जा रहा है।
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कांधला में साल में एक या दो बार आना जाना तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के पिता हारून थे और दादा मौलाना यूसुफ। कांधला में छोटी नहर के पास एक मकान मौलाना साद के परिचितों का है, जो बंद रहता है। वह मकान सिर्फ तभी खुलता है जब मौलाना साद साल में एक या दो बार यहां आते हैं। मौलाना साद की पढ़ाई दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र से ही हुई है। काफी समय तक वह सहारनपुर में भी रहे।
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का लगातार तीसरी बार कार्यभार संभालने के बाद केजरीवाल ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पहली बार मुलाकात की थी।
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मौलाना साद से जुड़े रहे हैं विवाद तब्लीगी जमात के प्रमुख बनने से लेकर उसके बाद तक मौलाना साद से विवाद जुड़े रहे हैं। आरोप है कि तब्लीगी जमात का प्रमुख बनने के लिए मौलाना साद ने जमात के अन्य लोगों की राय को नजरअंदाज किया और नई परंपराएं शुरू की। उनकी तकरीर पर भी विवाद हुआ था। तब दारुल उलूम देवबंद ने भी नाराजगी जताई थी। उसको लेकर विदेश से आए उलमा ने देवबंद पहुंचकर दारुल उलूम के मोहतमिम सहित अन्य पदाधिकारियों से मुलाकात कर विवाद का पटाक्षेप करने का प्रयास किया था। विवादों के चलते दारुल उलूम में तब्लीगी जमात के आने पर पाबंदी तक लगा दी गई थी।