अदनान को पद्मश्री देने पर सियासत शुरू

गायक अदनान सामी को पद्मश्री पुरस्कार दिए जाने पर सियासत शुरू हो गई। कांग्रेस और एनसीपी ने जहां उन्हें यह सम्मान देने का विरोध किया। वहीं, भाजपा और उसके सहयोगी दल ने कहा कि अदनान इस सम्मान के अत्यधिक हकदार हैं। महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक विकास मंत्री और राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने चुटीले अंदाज में कहा कि अब कोई भी पाकिस्तानी गायक भारत की नागरिकता ले सकता है। लंदन में पाकिस्तान वायुसेना के एक पूर्व अधिकारी के यहां जन्मे सामी ने 2015 में भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया था और वह जनवरी 2016 में भारत के नागरिक बन गए थे। मलिक ने कहा, भारत के अनेक मुस्लिम इस पुरस्कार के हकदार हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा, अदनान सामी को प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार प्रदान करना 130 करोड़ भारतीयों का अपमान है। एनडीए सरकार सीएए, एनआरसी तथा एनपीआर के मुद्दे पर भारतीयों और दुनियाभर के लोगों के सवालों पर क्षतिपूर्ति की कोशिश कर रही है।
- भाजपा का कांग्रेस पर पलटवार
भाजपा ने अदनान सामी के मामले में भी कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया है। सामी को पद्मश्री से सम्मानित करने के मोदी सरकार के फैसले की आलोचना पर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने विपक्षी दलों पर पलटवार करते हुए कहा कि क्या वे सिर्फ उन मुसलमानों को पसंद करते हैं जो भारत और इसकी संस्थाओं के खिलाफ हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सामी अत्यधिक हकदार हैं और उनकी योग्यता को लेकर पद्म सम्मान दिया गया है।" alt="" aria-hidden="true" />


Popular posts
- इन लोगों के हौसलों से महामारी भी हारी डॉक्टरों ने कहा कि उपचार के दौरान मरीजों को स्वाइन फ्लू के लिए दी जाने वाली टेमी फ्लू दवा दी जा रही है और इसका असर भी हो रहा है। उपचार करने वाले एक डॉक्टर ने कहा कि कोरोना पीड़ित मरीजों का उनके लक्षणों के आधार पर उपचार किया जा रहा है।
Image
- इन लोगों के हौसलों से महामारी भी हारी
कांधला में साल में एक या दो बार आना जाना तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के पिता हारून थे और दादा मौलाना यूसुफ। कांधला में छोटी नहर के पास एक मकान मौलाना साद के परिचितों का है, जो बंद रहता है। वह मकान सिर्फ तभी खुलता है जब मौलाना साद साल में एक या दो बार यहां आते हैं। मौलाना साद की पढ़ाई दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र से ही हुई है। काफी समय तक वह सहारनपुर में भी रहे।
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का लगातार तीसरी बार कार्यभार संभालने के बाद केजरीवाल ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पहली बार मुलाकात की थी।
Image
मौलाना साद से जुड़े रहे हैं विवाद तब्लीगी जमात के प्रमुख बनने से लेकर उसके बाद तक मौलाना साद से विवाद जुड़े रहे हैं। आरोप है कि तब्लीगी जमात का प्रमुख बनने के लिए मौलाना साद ने जमात के अन्य लोगों की राय को नजरअंदाज किया और नई परंपराएं शुरू की। उनकी तकरीर पर भी विवाद हुआ था। तब दारुल उलूम देवबंद ने भी नाराजगी जताई थी। उसको लेकर विदेश से आए उलमा ने देवबंद पहुंचकर दारुल उलूम के मोहतमिम सहित अन्य पदाधिकारियों से मुलाकात कर विवाद का पटाक्षेप करने का प्रयास किया था। विवादों के चलते दारुल उलूम में तब्लीगी जमात के आने पर पाबंदी तक लगा दी गई थी।