बुलन्दशहर :
कुमार


" alt="" aria-hidden="true" /> बुलन्दशहर : जनपद में गंगा यात्रा के भव्य आयोजन एवं सकुशल सम्पन्न होने पर जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार, ने कलेक्ट्रेट के सभागार में गंगा यात्रा के दौरान मेहनत से अपने दायित्वों का निर्वहन करने वाले अधिकारियों को मोमेंटो देकर सम्मानित किया। उन्होंने भविष्य में भी इसी प्रकार टीम भावना से अधिकारीगण कार्य करते हुए कार्यक्रमो को सम्पन्न करायेंगे ऐसी आशा की गंगा यात्रा के दौरान पुलिस की ओर से ट्रैफिक एवं सुरक्षा व्यवस्था किये जाने पर जिलाधिकारी ने प्रशंसा की उन्होंने गंगा यात्रा के दौरान सिंचाई एडब्ल्यूडी एवं सम अन्य विभागों के " alt="" aria-hidden="true" />अधिकारियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि गंगा यात्रा के दौरान सभी ने अपनी भूमिका का निर्वहन किया है। जिसके द्वारा जनपद में गंगा यात्रा का कार्यक्रम से सफल हुआ है। उन्होंने कहा कि गंगा यात्रा के तहसील स्याना से स्वागत के उपरान्त बस्ती घाट नरोरा तक स्कूली बच्चों अध्यापकों आशा आंगनवाड़ी एवं अन्य लोगों द्वारा जगह-जगह स्वागत किया गया है। जिसके लिए वह सभी लोग बधाई के पात्र हैं। इस अवसर पर सभी अधिकारियों द्वारा गंगा यात्रा के दौरान जिलाधिकारी द्वारा दिए गए मार्गदर्शन के लिए उनका आभार प्रकट करते हुए मोमेंटो देकर सम्मानित किया इस अवसर पर एसएसपी संतोष कुमार सिंह, सीडीओ सुधीर कुमार रूँगटा, एडीएम प्रशासन रवीन्द्र कुमार, एसपी सिटी अतुल कुमार श्रीवास्तव, एसपी देहात  हरेन्द्र कुमार,एसडीएम सदर सदानंद गुप्ता, एसडीएम स्याना  सुभाष सिंह,एसडीएम अनूपशहर पदम सिंह, एसडीएम सिकंदराबाद रविशंकर सिंह, एसडीम शिकारपुर वेदप्रिय आर्य, पीढ़ी सुरेश चंद,डीडीओ एसपी मिश्र, तहसीलदार बीडीओ, ईओ एवं गंगा यात्रा में सराहनीय कार्य करने वाले विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।



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कांधला में साल में एक या दो बार आना जाना तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के पिता हारून थे और दादा मौलाना यूसुफ। कांधला में छोटी नहर के पास एक मकान मौलाना साद के परिचितों का है, जो बंद रहता है। वह मकान सिर्फ तभी खुलता है जब मौलाना साद साल में एक या दो बार यहां आते हैं। मौलाना साद की पढ़ाई दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र से ही हुई है। काफी समय तक वह सहारनपुर में भी रहे।
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का लगातार तीसरी बार कार्यभार संभालने के बाद केजरीवाल ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पहली बार मुलाकात की थी।
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मौलाना साद से जुड़े रहे हैं विवाद तब्लीगी जमात के प्रमुख बनने से लेकर उसके बाद तक मौलाना साद से विवाद जुड़े रहे हैं। आरोप है कि तब्लीगी जमात का प्रमुख बनने के लिए मौलाना साद ने जमात के अन्य लोगों की राय को नजरअंदाज किया और नई परंपराएं शुरू की। उनकी तकरीर पर भी विवाद हुआ था। तब दारुल उलूम देवबंद ने भी नाराजगी जताई थी। उसको लेकर विदेश से आए उलमा ने देवबंद पहुंचकर दारुल उलूम के मोहतमिम सहित अन्य पदाधिकारियों से मुलाकात कर विवाद का पटाक्षेप करने का प्रयास किया था। विवादों के चलते दारुल उलूम में तब्लीगी जमात के आने पर पाबंदी तक लगा दी गई थी।