गाय से टकराने से दो बच्चे गंभीर रूप से हुए घायल !

कब किसके साथ क्या हो जाए कुछ नहीं पता  ऐसी ही घटना जेवर के पास रनहेरा गांव में आदर्श इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले दो बच्चे  गांव से ट्यूशन पढ के अपने घर जा रहे थे बस ना मिलने पर एक गाड़ी में लिफ्ट ली उसी गाड़ी का गांव किशोरपुर पर किसी गाय से टकराने से एक्सीडेंट हो गया जिसमें दोनों बच्चों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई गाड़ी चलाने वाले व्यक्ति गांव रण्हेरा के थे जिनमें दोनों की हालत अभी गंभीर है घायलों को कैलाश हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया
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- इन लोगों के हौसलों से महामारी भी हारी डॉक्टरों ने कहा कि उपचार के दौरान मरीजों को स्वाइन फ्लू के लिए दी जाने वाली टेमी फ्लू दवा दी जा रही है और इसका असर भी हो रहा है। उपचार करने वाले एक डॉक्टर ने कहा कि कोरोना पीड़ित मरीजों का उनके लक्षणों के आधार पर उपचार किया जा रहा है।
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कांधला में साल में एक या दो बार आना जाना तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के पिता हारून थे और दादा मौलाना यूसुफ। कांधला में छोटी नहर के पास एक मकान मौलाना साद के परिचितों का है, जो बंद रहता है। वह मकान सिर्फ तभी खुलता है जब मौलाना साद साल में एक या दो बार यहां आते हैं। मौलाना साद की पढ़ाई दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र से ही हुई है। काफी समय तक वह सहारनपुर में भी रहे।
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का लगातार तीसरी बार कार्यभार संभालने के बाद केजरीवाल ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पहली बार मुलाकात की थी।
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मौलाना साद से जुड़े रहे हैं विवाद तब्लीगी जमात के प्रमुख बनने से लेकर उसके बाद तक मौलाना साद से विवाद जुड़े रहे हैं। आरोप है कि तब्लीगी जमात का प्रमुख बनने के लिए मौलाना साद ने जमात के अन्य लोगों की राय को नजरअंदाज किया और नई परंपराएं शुरू की। उनकी तकरीर पर भी विवाद हुआ था। तब दारुल उलूम देवबंद ने भी नाराजगी जताई थी। उसको लेकर विदेश से आए उलमा ने देवबंद पहुंचकर दारुल उलूम के मोहतमिम सहित अन्य पदाधिकारियों से मुलाकात कर विवाद का पटाक्षेप करने का प्रयास किया था। विवादों के चलते दारुल उलूम में तब्लीगी जमात के आने पर पाबंदी तक लगा दी गई थी।