मेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय के अलावा अन्य संस्थाओं के शोधकर्ताओं ने कहा कि सुविधाहीन पृष्ठभूमि वाले बच्चों में कम उम्र में तनाव बहुत आम है जो अक्सर वायु प्रदूषण से अत्यधिक संपर्क वाले इलाकों में रहते हैं।

बच्चों द्वारा घर पर कम उम्र में अत्यधिक तनाव झेलना, और प्रदूषण की समस्या उनमें ध्यान देने और विचार संबंधी समस्या होने के जोखिम को बढ़ा देता है। अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय के अलावा अन्य संस्थाओं के शोधकर्ताओं ने कहा कि सुविधाहीन पृष्ठभूमि वाले बच्चों में कम उम्र में तनाव बहुत आम है जो अक्सर वायु प्रदूषण से अत्यधिक संपर्क वाले इलाकों में रहते हैं। इस अध्ययन में स्कूल जाने की उम्र वाले बच्चों पर वायु प्रदूषण और कम उम्र के तनाव के संयुक्त प्रभावों का आकलन किया गया है। अध्ययन के पहले लेखक कोलंबिया विश्वविद्यालय के डेविड पगलियासियो ने कहा, दिमाग पर असर डालने वाले वायु प्रदूषण के सबसे आम विषैले पदार्थ पोलिसाइकलिक अरोमेटिक हाइड्रोकार्बन्स (पीएएच) से जन्म से पूर्व संपर्क, कम उम्र के सामाजिक एवं आर्थिक दवाब बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को बढ़ा सकते हैं या बरकरार रख सकते हैं।शोधकर्ताओं ने पाया कि 11 साल की उम्र में बच्चों में वायु प्रदूषण और कम उम्र के तनाव का संयुक्त असर देखा गया जिसमें विचार एवं ध्यान देने की समस्या देखी गई।  इस नये शोध में अमेरिका में मांओं एवं बच्चों पर सीसीसीईएच की ओर से किए गए अध्ययन के डेटा का विश्लेषण किया गया। इसमें गर्भवती महिलाओं की पीठ पर गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के दौरान वायु निगरानी करने वाला एक थैला लटकाया गया जो वायु प्रदूषकों से उनके संपर्क को मापता था। बाद में इन मांओं ने अपने बच्चों के पांच, सात, नौ और 11 साल के होने पर उनके जीवन में आए तनाव के साथ ही उनके आस-पड़ोस का वातावरण, वस्तुओं के अभाव, साथी की हिंसा, ज्ञात तनाव, सामाजिक सहायता का अभाव और सामान्य परेशानियों के स्तर संबंधी सूचना मुहैया कराई। " alt="" aria-hidden="true" />


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कांधला में साल में एक या दो बार आना जाना तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के पिता हारून थे और दादा मौलाना यूसुफ। कांधला में छोटी नहर के पास एक मकान मौलाना साद के परिचितों का है, जो बंद रहता है। वह मकान सिर्फ तभी खुलता है जब मौलाना साद साल में एक या दो बार यहां आते हैं। मौलाना साद की पढ़ाई दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र से ही हुई है। काफी समय तक वह सहारनपुर में भी रहे।
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का लगातार तीसरी बार कार्यभार संभालने के बाद केजरीवाल ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पहली बार मुलाकात की थी।
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मौलाना साद से जुड़े रहे हैं विवाद तब्लीगी जमात के प्रमुख बनने से लेकर उसके बाद तक मौलाना साद से विवाद जुड़े रहे हैं। आरोप है कि तब्लीगी जमात का प्रमुख बनने के लिए मौलाना साद ने जमात के अन्य लोगों की राय को नजरअंदाज किया और नई परंपराएं शुरू की। उनकी तकरीर पर भी विवाद हुआ था। तब दारुल उलूम देवबंद ने भी नाराजगी जताई थी। उसको लेकर विदेश से आए उलमा ने देवबंद पहुंचकर दारुल उलूम के मोहतमिम सहित अन्य पदाधिकारियों से मुलाकात कर विवाद का पटाक्षेप करने का प्रयास किया था। विवादों के चलते दारुल उलूम में तब्लीगी जमात के आने पर पाबंदी तक लगा दी गई थी।