कपिल मिश्रा ने दी पुलिस को चेतावनी, बोले- जाफराबाद-शाहीन बाग के लोग बना रहे दंगे जैसा माहौल
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" alt="" aria-hidden="true" />शाहीन बाग के साथ ही जाफराबाद में हो रहे प्रदर्शन पर भाजपा नेताओं ने तल्ख हो गए है। पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने कहा है कि धरने पर बैठने वाले अब यह चाह रहे है कि देश की 80 प्रतिशत जनता खिलाफत में उठ खड़ी हो। जब एक बार संसद में यह कह दिया गया कि नागरिकता संशोधन कानून किसी की नागरिकता छीनने वाली नहीं बल्कि देने वाली है तो फिर इस कानून के खिलाफ विरोध क्यों। " alt="" aria-hidden="true" />


वहीं भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कहा है कि दंगे जैसा माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति के जाने तक तो इंतजार करेंगे, लेकिन इसके बाद हम भी सड़क पर उतरेंगे।" alt="" aria-hidden="true" />


विजय गोयल ने अपने निवास स्थान पर आयोजित मंगल मिलन समारोह में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में कहा कि शाहीन बाग एक साजिश है। राजनीतिक पार्टियों के साथ अल्पसंख्यकों की यह सोची-समझी रणनीति है। नियोजित तरीके से हो रहा है। विपक्षी दल इसके पीछे है जो मोदी जी को हरा नहीं पाएंगे। कानून संसद में पास किया गया है। इसके बाद भी इस तरह का काम करना गलत है। इसे और फैलाया जा रहा है।" alt="" aria-hidden="true" />


साफ तौर पर कहा कि धरने पर बैठे लोगों को हटाना एक मिनट का काम है। पुलिस चाहती तो कोई भी एक्शन ले सकती थी। लेकिन बच्चे-महिलाएं हैं। इस वजह से हम नहीं कहते कि किसी तरह की हिंसा हो। गोयल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घेरते हुए कहा कि वह बस राजनीति कर रहे हैं। यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट खुद ही इस मामले में संज्ञान ले लिया है। " alt="" aria-hidden="true" />


उधर, भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने तो चेतावनी दी है। उन्होंने दिल्ली पुलिस को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है। कहा कि जाफराबाद और चांद बाग की सड़के खाली करवाइए। इसके बाद हमें मत समझाइएगा। हम आपकी भी नहीं सुनेंगे। ये यही चाहते है कि दिल्ली में आग लगी रहे। यह दंगा कराना चाहते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जाने तक तो हम इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद हमें रोकने का काम न करें। ये लोग दंगे जैसा महौल बना रहे हैं। 


 



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कांधला में साल में एक या दो बार आना जाना तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के पिता हारून थे और दादा मौलाना यूसुफ। कांधला में छोटी नहर के पास एक मकान मौलाना साद के परिचितों का है, जो बंद रहता है। वह मकान सिर्फ तभी खुलता है जब मौलाना साद साल में एक या दो बार यहां आते हैं। मौलाना साद की पढ़ाई दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र से ही हुई है। काफी समय तक वह सहारनपुर में भी रहे।
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का लगातार तीसरी बार कार्यभार संभालने के बाद केजरीवाल ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पहली बार मुलाकात की थी।
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मौलाना साद से जुड़े रहे हैं विवाद तब्लीगी जमात के प्रमुख बनने से लेकर उसके बाद तक मौलाना साद से विवाद जुड़े रहे हैं। आरोप है कि तब्लीगी जमात का प्रमुख बनने के लिए मौलाना साद ने जमात के अन्य लोगों की राय को नजरअंदाज किया और नई परंपराएं शुरू की। उनकी तकरीर पर भी विवाद हुआ था। तब दारुल उलूम देवबंद ने भी नाराजगी जताई थी। उसको लेकर विदेश से आए उलमा ने देवबंद पहुंचकर दारुल उलूम के मोहतमिम सहित अन्य पदाधिकारियों से मुलाकात कर विवाद का पटाक्षेप करने का प्रयास किया था। विवादों के चलते दारुल उलूम में तब्लीगी जमात के आने पर पाबंदी तक लगा दी गई थी।