दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया ने सोमवार को कहा कि उसने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के बकाये को लेकर दूरसंचार विभाग को 3,354 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भुगतान कर दिया है।

दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया ने सोमवार को कहा कि उसने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के बकाये को लेकर दूरसंचार विभाग को 3,354 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भुगतान कर दिया है। कंपनी ने बीएसई को बताया कि उसने स्वआकलन के हिसाब से अब एजीआर बकाये की मूल राशि का पूरा भुगतान कर दिया है। इस भुगतान के साथ ही कंपनी ने अभी तक सरकार को एजीआर बकाये को लेकर 6,854 करोड़ रुपए दिए हैं। दूरसंचार विभाग ने वोडाफोन आइडिया से एजीआर बकाये को लेकर करीब 53 हजार करोड़ रुपए की मांग की है। इसमें ब्याज, जुर्माना तथा राशि के भुगतान में की गई देरी पर ब्याज भी शामिल है। कंपनी ने कहा कि वह एजीआर देनदारी के स्वआकलन की रिपोर्ट दूरसंचार विभाग को छह मार्च को सौंप चुकी है। कंपनी ने इससे पहले एजीआर बकाये को लेकर 17 फरवरी को 2,500 करोड़ रुपए और 20 फरवरी को एक हजार करोड़ रुपए का भुगतान किया है। " alt="" aria-hidden="true" />


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कांधला में साल में एक या दो बार आना जाना तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के पिता हारून थे और दादा मौलाना यूसुफ। कांधला में छोटी नहर के पास एक मकान मौलाना साद के परिचितों का है, जो बंद रहता है। वह मकान सिर्फ तभी खुलता है जब मौलाना साद साल में एक या दो बार यहां आते हैं। मौलाना साद की पढ़ाई दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र से ही हुई है। काफी समय तक वह सहारनपुर में भी रहे।
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का लगातार तीसरी बार कार्यभार संभालने के बाद केजरीवाल ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पहली बार मुलाकात की थी।
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मौलाना साद से जुड़े रहे हैं विवाद तब्लीगी जमात के प्रमुख बनने से लेकर उसके बाद तक मौलाना साद से विवाद जुड़े रहे हैं। आरोप है कि तब्लीगी जमात का प्रमुख बनने के लिए मौलाना साद ने जमात के अन्य लोगों की राय को नजरअंदाज किया और नई परंपराएं शुरू की। उनकी तकरीर पर भी विवाद हुआ था। तब दारुल उलूम देवबंद ने भी नाराजगी जताई थी। उसको लेकर विदेश से आए उलमा ने देवबंद पहुंचकर दारुल उलूम के मोहतमिम सहित अन्य पदाधिकारियों से मुलाकात कर विवाद का पटाक्षेप करने का प्रयास किया था। विवादों के चलते दारुल उलूम में तब्लीगी जमात के आने पर पाबंदी तक लगा दी गई थी।